एक डॉक्टर का सुसाइड नोट जो निजीकरण के दीवानों को हिलाकर रख देगा बशर्ते कि उनका ज़मीर जिन्दा हो
एक डॉक्टर का सुसाइड नोट जो निजीकरण के दीवानों को हिलाकर रख देगा बशर्ते कि उनका ज़मीर जिन्दा हो
भारत का मध्यम वर्ग हर चीज का निजीकरण चाहता है। वह चाहता है कि सारे स्कूल, सारे कॉलेज, रेलवे, बसें निजी हो जाएं ताकि उस को बेहतर सुविधाएं मिले। लेकिन अब जब 1990 के बाद जारी निजीकरण का असली फल सामने आने लगा है तो यही मध्यमवर्ग भौचक्का रह गया है। बीच-बीच में फोर्टिस जैसे अस्पतालों के वीडियो आते हैं जिसमें मध्यम वर्ग के लोग लाशों के इलाज से लाखों रुपए कमाने के फोर्टिस के हथकंडों का पर्दाफाश करते हैं लेकिन मध्यम वर्ग ऐसा तभी करता है जब उस पर गुजरती है। अन्यथा एक वर्ग के तौर पर ज्यादातर लोग अभी भी निजीकरण के समर्थक हैं।इंदौर के इंडेक्स कॉलेज की एक डॉक्टर स्मृति लहरपुरेे ने अभी आत्महत्या की और जो सुसाइड नोट उन्होंने लिखा वह निजीकरण की असली तस्वीर पेश करता है। किसी भी कीमत पर मुनाफा - यही पूंजीपति का मूल मंत्र है। वह चाहे किसी भी धंधे में आए ऐसा ही करेगा। आज उस डॉक्टर का सुसाइड नोट आपके सामने पेश कर रहे हैं। इसे पढ़िए और उन लोगों को जरूर पढ़वाएं जो निजीकरण के समर्थक है।
मुझे माफ कर देना मम्मी, स्वामी
और सूर्या, मै डॉ स्मृति लहरपुरे पूरे होश हवास में लिख रही
हूं न ही कभी मैने कोई नशे या दवाई का सेवन ही किया है। सबसे पहले मै अपनी माँ और
भाईयों से माफी चाहती हूं कि मैं ऐसा कदम उठा रही हूं क्योंकि तुम तीनों ने हर
विपरीत परिस्थितियों में मेरा साथ दिया, मै इन लोगों ने और
नहीं लड़ सकती इसलिए मुझे माफ कर देना।
मेरी मौत के लिए सीधे तौर पर इंडेक्स कॉलेज के
चैयरमैन भदौरिया और उनके कॉलेज का मैनेजमेंट है, इनमें मुख्यरूप से
डॉ के के खान हैं क्योंकि इन दोनों के द्वारा मुझे लगातार प्रताडित किया जा रहा
था। मैने जून 2017 में नीट परीक्षा के माध्यम से ज्वाइन किया था।
काउंस्लिंग के दौरान मुझे जो फीस बताई गई थी उसके अनुसार टयूशन फीस 8 लाख 55
हजार और होस्टल फीस 2 लाख थी।
इसके बाद जब मैं कॉलेज में ज्वाइन करने आई तो
इंडेक्स कॉलेज प्रबंधन ने मुझसे कॉशन मनी और एक्सट्रा करिकुलर एक्टीविटी के नाम पर
फिर 2 लाख मांगे। चूंकि मैं मध्यमवर्गीय परिवार से हूं इसलिए अतिरिक्त फीस
नहीं चुका सकती थी लेकिन नीट परीक्षा के बाद बामुश्किल मिला पीजी करने का यह अवसर
हाथ से न निकल जाए इसलिए मैने 2 लाख का फिर लोन लिया, इसके बाद जैसे ही
मैं ज्वाइन करने पहुंची कॉलेज प्रबंधन ने फिर दो लाख मांग लिए इसके बाद रातभर के
प्रयास के बाद मैने अपनी सीट खोने के डर से मैने यह व्यवस्था भी की लेकिन कॉलेज ने
टयूशन फीस 8 लाख 55 हजार से 9 लाख 90
हजार कर दी
और सभी छात्रों से यह फीस जमा करने को बोला जाहिर
से अचानक एक लाख 35 हजार की फीसवृद्धि सहन करना हर किसी के लिए
मुश्किल था इसलिए हम सभी लोग इसके खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट गए। इसके बाद कॉलेज
प्रबंधन ने मुझे व्यक्तिगत तौर पर प्रताड़ित करना शुरु कर दिया इसके अलावा फोन पर
भी मुझे यह केस वापस लेने के लिए धमकाया जाने लगा। इसके बाद कोर्ट ने इंडेंक्स
कॉलेज को निर्धारित फीस लेने का आदेश दिया
लेकिन इसके बाद फिर अगले साल 2017 में फिर
9 लाख 90 हजार मांगने लगे जो मैने जमा नहीं कर कोर्ट के
अादेशानुसार 8 लाख 55 हजार ही जमा किए,
इस मामले में कोर्ट जाने पर कॉलेज प्रबंधन हमे लगातार प्रताडि़त करने
लगा खासकर एचओडी डॉ खान, इसके बाद इसी मामले में केस वापस लेने की शर्त पर
एचओडी डॉ खान ने अमानवीय व्यवहार करते हुए सार्वजनिक तौर पर हमे 2 से 3
महिने तक ओटी और डिपार्टमेंट से बाहर निकाले रखा। इसके बाद हमारा
स्टायफंड भी काट लिया गया और बिना कारण हमपर हजारों रुपए का फाइन लगाया जाने लगा।
कॉलेज प्रबंधन हमे इस समय का स्टायफंड कभी नहीं देना यदि कॉलेज में उस दौरान
मेडीकल काउंसिल का दौरा और इनकम टैक्स का छापा नहीं पड़ता।
मेरी एचओडी के के खान मुझे व्यक्तिगत तौर पर
प्रताडि़त करती थी वह यह सोचती थी कोर्ट केस करने में मेरी सक्रीय भूमिका है दरअसल
वह मानसिक रूप से बीमार है इसलिए वह सायकिक रोग का इलाज भी करवा रही है वह मेडीकल
कॉलेज के इस प्रोफेशन के लिए फिट नहीं है खासकर एनेस्थेटिक ब्रांच के लिए। वह हर
किसी को प्रताड़ित करती है पर मैं नहीं जानती कि उसे मुझसे क्या प्राव्लम रहती थी
वह मेरे लीव एप्लीकेशन पर साइन नहीं करती थी और मेरे लीव पर होने पर एचआर विभाग से
मुझपर हजारों रुपए का फाइन लगवाती थी। हम पीसी स्टूडेंट होने के बावजूद भी यहां
प्रताड़ित हो रहे हैं हमारा ड्यूटी टाइम सुबह 8 बजे से रात 8
बजे तक है इसके बावजूद दिन में चार बार एटेंडेंस के लिए पंच करना पड़ता
है, हद तो यह है कि एक दिन की लीव पर एचओडी डॉ खान ने मुझपर 4500 से 6000
रुपए का फाइन लगाया, जिसपर पहले से ही भारी लोन हो उसके लिए यह
राशि भर पाना संभव नही था।
कुछ दिनाे पहले मैने थर्ड ईयर की फीस जमा करने को
बोला तो फिर फीस 9 लाख 90 हजार कर दी गई जिसे
जमा करने से मैने मना कर दिया इस बारे में मैने डॉ अमोलकर को भी बताया था, इसके
बाद चैयरमैन भदौरिया ने मैनेजमेंट को उन सभी छात्रों से बकाया फीस वसूलने का आदेश
दिया जिन्होंने कोर्ट के निर्देशानुसार फीस जमा की थी यह राशि तीन साल की प्रति
छात्र चार लाख 5 हजार थी और किसी भी हालत में मैं बढ़ी हुई फीस जमा
नहीं कर सकती थी। मेरे माता पिता पहले से ही बढ़ी हुई फीस के लिए रिश्तेदारों और
दोस्तों से रुपए उधार ले चुके थे जिनके बस में यह राशि जमा करना संभव नहीं था।
मेरी उम्र में अन्य इंजीनियरिंग लॉ और अार्ट
सब्जेक्ट इतना कमा लेते हैं कि अपना खर्चा उठा सकें जबकि मैं सिर्फ अपने घरवालों
पर ही निर्भर हूं, वह भी इसलिए कि मैं एक डॉक्टर हूं। मैने स्कॉलर
और स्कूलिंग रेपुटेड कॉलेज गांधी मेडीकल कॉलेज और सेंट्रल स्कूल से की है मैने
इंडेक्स कॉलेज जैसा फर्जी संस्थान पहले कभी नहीं देखा था। यहां कोई
इंफ्रास्ट्रक्चर और व्यवस्था डॉक्टरों और मरीजों के परिजनों के लिए नहीं है।
इन्होंने अभी भी रिश्वत और धमकी देकर एमसीआई की मान्यता हासिल की है। मान्यता के
दौरान मैने खुद इनके कंसलटेंट के फर्जी दस्तावेज और फर्जी साइन देखे हैं। ये लोग
सिर्फ पीजी स्टूडेंट को प्रताडि़त करने में लगे हैं और खुद की नाकामी का आरोप हमपर
लगाकर फीस बढ़ाते हैं और आए दिन हमारा स्टायफंड काटते रहते हैं।
आधी रात को इनके इशारे पर शराब पीकर कुछ लोग
स्टूडेंट के पास भेजे जाते हैं और लोग हमसे कोरे कागज पर साइन मांगते हैं। जो पीजी
स्टूडेंट साइन करने से मना कर देता है उसपर अगले दिन मेडीकल सुप्रीटेंडेंट बिना
कारण के हजारों रुपए का फाइन लगा देता है। यह असहनीय है मैं इतने इतनी प्रताड़ना और
लूट सहते हुए इतने दबाव में काम और पढ़ाई नहीं कर सकती। इसलिए मैने इससे मुक्त होने
का निर्णय लिया है मैं हमेशा इन लोगों से नहीं लड़ सकती।
मैं जानती हूं मै भदौरिया के सामने बहुत छोटी हूं
पर मैं अपने माता पिता और परिवार को कर्ज और लोन के बोझ तले नहीं देखना चाहती।
मेरी एक ही अंतिम इच्छा है कि भदौरिया को इसके बदले में सजा मिलनी चाहिए और मेरे
परिवार को मेरी पूरी फीस लौटाई जाना चाहिए। और मेरे साथ पढ़ने वाले पीजी स्टूडेंट
से विनती है कि आखिर तक इकट्ठे रहकर एक दूसरे की मदद करते रहें। प्लीज इस कॉलेज
को बंद करो जहां मरीजों की जिंदगी और कॉलेज स्टूडेंट के करियर का विनाश किया जाता
हो
Collage prabhandan ko kadi saja hoo
ReplyDeleteसभी मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों को इकट्ठा होकर आंदोलन करना चाहिए और साथ ही इस बात की शिकायत मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया, मुख्यमंत्री-मध्यप्रदेश शासन, माननीय राज्यपाल महोदय, व माननीय प्रधानमंत्री महोदय एवं महामहिम राष्ट्रपति महोदय जी से शिकायत करें इसमें अवश्य ही छात्रहित में फैसला लिया जाएगा औऱ कॉलेज प्रबंधनो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी ।।।
ReplyDeleteम्यारी शिक्षा और सेहत सिर्फ और सिर्फ सरकारी जुम्मेवारी होनी चाहिए। निजीकरण रुकना चाहिए, सरकारी विभागों पे निगरानी बढ़ाते हुए इकना विस्तार होना चाहिए वर्ना हम ऐसे ही अपने बेहतरीन युवाओं को खोते रहेंगे, हमने रोहित वेमुला से क्या सीखा जो इस बेटी के बलिदान से सीख पाएंगे। हम बहुत ही भुल्लकड़ और ढीठ कौम हैं, असंवेदन। हमारा हाल एक एक कर के कटते हुए मुगों जैसा है जिसको पिंजड़े से निकाला जाता है बस वोही चिल्लाता है बाकी मजे से दान पानी खाने में मस्त रहते हैं। जाट जाओ अब भी नहीं तो अंत बहुत खतरनाक होगा।
ReplyDeleteजाग जाओ अब भी नहीं तो अंत बहुत खतरनाक होगा।
DeleteDesh aise sare institutions ko band Kare Jo, business ka akhra ban gaye Hai.
ReplyDeleteIt is duty of Govt to check all the documents for establishment of College and de list if otherwise found guilty and the amount paid by the students may be refunded to them
ReplyDeleteShameful, disgusting, disheartening to hear how the private medical colleges do the illegal activities, it's shear blackmailing, itsia fit case to be investigated by highest investigation authority, May her soul RIP... Her suffering should not go unnoticed...
ReplyDeleteThis shows total failure of government. This is beyond facts that govt doesn't know anything or is quiet innocent because if saying so then what business MCI is doing in the name of checking or allowing them permission to run these pvt colleges, mere fake checks nothing else. They earn huge corrupted bugs for allowing them and successively these pvt college get indirect permission to earn more n more money in the name of xtra curricular activities late fee, development charges n many hidden charges. Neither they have appropriate infrastructure equipments,faculty nothing but just at the time of inspection they hire temporarily residents in some thousands to even lakhs to fulfill their eligibility and if I know about all such things then surely mci knowing everything but they keep their eyes closed for handsome bribes, nothing else. This is total scam and only they pretend and making fool of us. Stop this intolerable corruption. I heartily condem this vicious corruption cycle of all of guilties.shame on you. All of such guilty n corrupted persons should be hang till death not less than this. ..........
ReplyDelete👍
DeleteAgreed
Deleteये परिणाम नई आर्थिक नीति LPG की वजह से आ रहे है
ReplyDeleteयह आम लोगों से शिक्षा और रोजगार छिनने का
सुनियोजित सडयंत्र हैं ?
Aasi School band hona chahiye Kyunki Yeh manavata ke liye Khatarnak aur essay doctor college prabhandhan par Kadi kari
ReplyDeletebhai hona chahiye
It's sad for our country men,totally blanked for our young generation,we have to stop this type of vrastchar and apeal to govt to take strong action against this type of institute and take action against chairman and staff
ReplyDeleteShame on system .
ReplyDeleteSo said
ReplyDeleteसरकार को सिस्टम बदलना चाहिए ,,अपराधियो को सजा मिलनी चाहिए
ReplyDeleteCulprit must be hanged.
ReplyDeleteसिस्टम ओर सर ओर कॉलेज को सजा होनी चाहिए पर 2017 में neet क्लेर किया और वो 3rd ईयर की फीस जमा कर रही है मतलब 2017+3=2020
ReplyDeleteFIRs to b registered against Health Minister,MP,MLA of that area & college to b brought under the Government Control along with punishment to the management commmitee of that college.Victims family should be compeencomp by that institute.
ReplyDeleteCompensated
ReplyDeleteअवैधानिक तरीके से से राशी ली जा रही इंडेक्स मेडिकल कॉलेज द्वारा,जो सरासर गलत है।
ReplyDeleteसबसे पहले यह कार्यवाही होना चाहिए
(1) इस नकली मेडिकल कॉलेज की मान्यता रद्द करना चाहिए।
(2) कॉलेज प्रबंधन का जो हेड है जो डील कर रहा है, चाहे वह महिला हो या पुरुष हो, उसे कम् से कम् 10 से अधिक वर्षो की जेल में सजा मिले।
(3) किसी भी पेरेंट्स को अपने बच्चे को इस नकली मेडिकल कॉलेज में नही भेजना चाहिए।
(4) इस इंडेक्स मेडिकल कॉलेज को तत्काल बंद करवाना चाहिए और जो बच्चे यहां से मेडिकल कर रहे है, उन बच्चो को अलग अलग सरकारी मेडिकल कॉलेज में भिजवाने की व्यवस्था करवाये।।
।। बी सी देवड़ा ।।
रतलाम(म.प्र.)
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स्म्रति लहरपुरे,यह बैतुल म. प्र.की मूलनिवासी है ।।।
ReplyDeleteआखिर LPG ने एक होनहार महिला डॉ. की जान ले ही ली ।
ये पूँजीवाद का नंगा नाच है , जबतक शोषित एवं पीड़ित जाति ,धर्म ,क्षेत्र के भूल भूलैया मे फसी रहेगी, तबतक न जाने कितने मासूमों की बलि होती रहेगी जागो शोषितों, पीड़ितों , जागो !!!!
ReplyDeleteमैं राम दुलार सिंह , वाराणसी , उ. प्रदेश
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