वर्तमान घपलों-घोटालों व ५६ इंच वाले की “बेबसी” पर चार कविताएं


वर्तमान घपलों-घोटालों व ५६ इंच वाले की बेबसीपर चार कविताएं

राजीव ध्यानी की कविता - चोर छुपा दरबार में

हीरों के व्यापार में
दौलत की दरकार में
चोरवा बैंक ही लूट ले गया
सैयां की सरकार में

दुनिया भर में करें बकौती
घर के भीतर पड़ी डकौती
नेता जी को पता चला
जब खबर छपी अखबार में

आज का ठगवा बड़ा अमीर
बेचे मोती मानिक हीरा
सूट पहनकर लूटन आवे
लम्बी-महंगी कार में

कहत राजीव सुनो भाई साधो
चोर छुपा दरबार में।


राहुल कोटियाल की कविता - बाकी बचेगा पकौड़ा

चार मोदी भारत भूमि के, चारों धूर्त प्रवीन,
आईपीएल खाके एक चल दिया, बाकी रह गए तीन।

तीन मोदी भारत भूमि के, उड़ने लग गए वो,
सृजन घोटाला किया एक ने, बाकी रह गए दो।

दो मोदी भारत भूमि के, दोनों नहीं थे नेक,
बैंक लूटकर एक भग लिया, बाकी रह गया एक।

एक मोदी भारत भूमि का, फेंके है दौड़ा-दौड़ा
झोला लेकर ये भी चल देगा, बाक़ी बचेगा पकौड़ा।


आचार्य रामपलट दास की कविता - तलो पकौड़ा मेरी जान

तुमरी गइया तुमरा गोबर
नीरव लड्डन एक बरोबर 
देस की जनता याद करेगी , विजय मलैया का बलिदान 
तलो पकौड़ा मेरी जान ।

जर्मन वाले ज्ञान चुराए 
ताक रहे थे हम मुंह बाए
खुला-खुला मुंह सुर में गाए, बतरा साईं का जयगान 
तलो पकौड़ा मेरी जान।

राफेल-वाफेल सुल्फा-सौदा 
विश्व गुरू का बड़ा मसौदा 
लाल किला पर मन्तर मारैं , थर-थर काँपै पाकिस्तान 
तलो पकौड़ा मेरी जान।


आदित्य कमल की कविता - मैंने भी माखन खायो
( सूरदास से माफ़ी के साथ )

मैंने भी माखन खायो , भैया
मैंने भी माखन खायो !
मैं भी खायो और साथ में
मामू को भी खिलायो , भैया
जमकर मौज उड़ायो !

'सृजन' कियो ऐसी तरकीबें
एल.ओ.यू हथियायो
पान-पत्ती को महक सुंघा के
मैनेजमेंट पटियाओ
चूना ख़ूब लगायो , भैया
मैंने भी माखन खायो !

माखन की तो मारो गोली
हांडी में मुँह घुसायो
चाट-चूट के बाहर निकल्यो
टिकट विदेश कटायो , भैया
बहुते आनंद मनायो...
मैंने भी माखन खायो !

एक अकेले ही हम नाहीं
दस का ग्रूप बनायो
जाली-फाली दस्खत मारयो
कुड़िया - बखरा लगायो , भैया
मिलकर माल उड़ायो
मैंने भी माखन खायो .....

देश-भगति का चोला ओढ़े
झोला में माल दबायो
दस-दस कंपनी फर्जी डाल्यो
स्टार्ट-अप कहलायो
ख़ूब ही नाच नचायो , भैया
बिना डकार पचायो..

तब सेवक-परधान बिहँसि के
लीने कंठ लगायो
स्वर्ण-पदक गर्दन लटकाई
काँधे शॉल उढ़ायो , भैया
मन हियरा हर्षायो , भैया
मैंने भी माखन खायो ...!

हियरा -- ह्रदय


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