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अस्क़द मुख़्तार के उपन्यास “चिंगारी” की पीडीएफ फाइल PDF file of Askad Mukhtar's Novel “Sisters”

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अस्क़द मुख़्तार के उपन्यास “चिंगारी”  की पीडीएफ फाइल पीडीएफ फाइल डाउनलोड  लिंक  परिचय -  अस्क़द मुख़्तार और उनका उपन्यास “चिंगारी” ल. यकिमेंको किसी युग का नायक होना-यही सर्वोच्च पुरस्कार है ... जान लो , प्याली की दीवारों पर चमकती इन बूंदों ने किसी विशाल झरने की सांसें छुपा रखी हैं। अस्क़द मुख़्तार की आरम्भिक कविता “समर्पण” से उद्धृत इन पंक्तियों में लेखक की रचना-प्रक्रिया की दिशा बख़ूबी उजागर हो गयी है। अस्क़द मुख़्तार सही एवं व्यापक अर्थों में आधुनिक युग के कवि हैं। उनकी कविताओं , काव्यों , कहानियों और उपन्यासों में हमें सोवियत उज्बेकिस्तान के जीवन के दर्शन होते हैं। “धरती का चेहरा” बदल देनेवाले कठोर परिश्रम में रत , उच्चकोटि की मानवोचित शूरता से परिपूर्ण उज़्बेकी लोगों के जीवन के दर्शन उन नाटक सदृश घटनाओं और संघर्षों में होते हैं , जो इस महान ऐतिहासिक प्रगति में अवश्यंभावी हैं। 1948 में उनका पहला काव्य “फ़ौलाद-निर्माता” प्रकाशित हुआ। अभी एक पूर्ण परिपक्वता परिलसित नहीं कर पानेवाली इस कृति में अ. मुख़्तार ने मनुष्य के हाथों की उस शक्ति का गुणगाण किया था , जिसने युद्ध के वर्षों

कहानी - थैंक यू, मैम / लैंग्स्टन ह्यूज़ Story - Thank You, Ma'am / Langston Hughes

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कहानी - थैंक यू, मैम लैंग्स्टन ह्यूज़ अनुवाद - यादवेंद्र For English version please scroll down  वह बड़ी कद काठी की हृष्ट पुष्ट स्त्री थी और उसके हाथ में उस जैसा ही एक बड़ा सा पर्स था - पर्स में दुनिया भर का सामान ठुँसा पड़ा था , बस हथौड़ा और कीलों को छोड़ कर। पर्स का खूब लंबा पट्टा उसने अपने कंधे पर टाँगा हुआ था ... रात के करीब ग्यारह बज रहे थे , सुनसान सड़क पर वह अकेली जा रही थी कि पीछे से दौड़ता हुआ एक लड़का पास आया और उसका पर्स झपट कर भागने की कोशिश करने लगा। लड़के के धक्के के पहले ही झटके में पट्टा टूट गया पर ; लड़के का अपना वजन और पर्स का भार मिलकर इतना हो गया कि वह सँभल नहीं पाया और लड़खड़ाकर वहीं सड़क के बीचों बीच पीठ के बल गिर पड़ा। भारी भरकम स्त्री झटक कर फुर्ती से पीछे मुड़ी और लड़के की आसमान में उठी टाँग पकड़ कर तड़ातड़ पीटने लगी। उसके बाद नीचे झुक कर उसने लड़के का कॉलर पकड़ लिया ... ऐसे दनादन झापड़ रसीद करने लगी कि उसके दाँत किटकिटा