गुमनाम औरत की डायरी में दर्ज प्यार के बारे में कुछ विचार


गुमनाम औरत की डायरी में दर्ज प्यार के बारे में कुछ विचार

कविता कृष्‍णपल्‍लवी


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प्यार अमर होता है, यह दुनिया का सबसे बड़ा मिथक होता है। पर मिथक भी यथार्थ के साथ ही जन्म लेता है। यह जीवन नश्वर है और प्यार भी। नश्वर ही सुन्दर है। अनश्वरता काल्पनिक है और कुरूप है।
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प्यार में मुक्ति नहीं होती।प्यार में मुक्ति के लिए संघर्ष की तड़प पैदा करने की ताक़त होती है।
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प्यार के मिथ्याभास से तो प्यार की मृग-मरीचिका ही भली। मृग-मरीचिका भी मिथ्याभास है, पर उसमें हम जीते नहीं, उसके पीछे अंतिम साँस तक भागते हैं।
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अगर आदर्श स्थिति की बात करें, तो प्यार कई रागों में ढलता है।वह जीवन की भैरवी है, सृजन का मल्हार है और स्वप्नों का मालकौंस है। पर हम सभी जानते हैं, यथार्थ कभी भी आदर्श नहीं होता। सजग जीवन का यथार्थ निरंतर आदर्श का पीछा करता है।
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मेरी दोस्त कह रही थी कि वह तो प्रेम में डूब गयी है। मुझे तो डूबने से, डूबकर मरने से और डूब मरने से भयंकर डर लगता है। मैं कहूँगी, मैं प्रेम में पड़कर निश्चल जीवन में डूबकर मर जाने से बच गयी हूँ। मुहावरा प्रेम में डूबना नहीं, प्रेम में उबरना, या प्रेम में तैरना होता तो शायद कुछ बेहतर होता। स्त्रियाँ अक्सर प्रेम में डूबकर मर जाती हैं।
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प्यार में अपनी थोड़ी निजता बचाए रखें और अपने थोड़े रहस्य भी। आत्मा को पूरीतरह अनावृत्त कर देने की कोशिश ख़तरनाक होगी। प्रतीक्षा करो और प्रतीक्षा करने दो।
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प्यार में किसी को अपनी सीढ़ी मत बनाओ, न ही सहारा, न ही रक्षा-कवच, न ही एकान्तिक शरण्य, न ही संजीवनी, न ही यात्रा के बीच की कोई सराय, न ही अपनी निजी डायरी। प्यार में बस एक खिड़की खुली होनी चाहिए -- निरंतर संवाद की। जब संवाद संभव न हो, वह खिड़की बंद कर दी जानी चाहिए। प्यार में खुद को अहर्निश खुला दरवाज़ा नहीं बना देना चाहिए।
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सच्चा प्रेम चाहते हो तो सच्चे प्रेमी बनो। सच्चा प्रेमी बनाने के लिए गर्वीला, उदार, कवित्वमय, संवेदनशील, चिंतनशील , कर्मशील, न्यायशीलऔर गहन सौन्दर्याभिरुचि वाला व्यक्ति बनना होगा। इसके लिए तुम्हे, समाज में जो भी अन्यायपूर्ण है, कुरूप है, मानवीय गरिमा के प्रतिकूल है, उसके विरुद्ध समझौताहीन संघर्ष करना होगा और उसकी कीमत चुकानी होगी। कायर, स्वार्थी, आत्मकेंद्रित, मनहूस, ढोंगी, कंजूस और कैरियरवादी टाइप लोग प्यार करने में सर्वथा अक्षम लोग होते हैं और इस अक्षमता का इलाज किसी भी बाबा बंगाली के पास नहीं होता।

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अतिनिश्चयवादी शुष्क तार्किकता जब ज़िन्दगी को नीरस और दमघोंटू बना देती है तो “अतार्किक" भावावेगी रोमांस को आवाज़ लगाने को जी चाहता है।
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प्यार के कई आख्यान काव्यात्मक ढंग से शुरू होकर सुखी गार्हस्थ्य की भेंट चढ़ जाते हैं और महान बनने से रह जाते हैं।
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प्यार में गणित कहीं नहीं आता सिवाय इसके कि असंतुष्ट प्यार की उम्र बहुत लम्बी होती है।
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ह्रदय के भीतर प्यार और भाईचारे का एक जनवादी गणतंत्र बसाये हुए, इस आत्मघाती समय के खिलाफ जीती हुई मैं बस अधूरा छोड़ देती हूँ प्यार का हर आख्यान। कई बार राह चलते दिल लगा बैठती हूँ किसी हलके-फुलके, खिलंदड़े या काहिल सहृदय से, फिर सोचती हूँ, यह भी क्या कर रही हूँ गदहपैंतीसी।
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प्यार में पारदर्शिता और रहस्य का द्वंद्व होना चाहिए। प्यार में जानने को, समझने को हरदम कुछ बचा रहना चाहिए। प्यार में कोई मंजिल नहीं, बस पड़ाव होने चाहिए और सफ़र लगातार ज़ारी रहना चाहिए। प्यार को एक अविराम खोज होना चाहिए। प्यार का बार-बार आविष्कार होना चाहिए। प्यार में निरंतरता उसे बासी बनाती है। उसमें निरंतरता और परिवर्तन का द्वंद्व होना चाहिए। प्यार में बौद्धिक आकर्षण और यौनाकर्षण के संश्लेषण से जन्मी सौन्दर्यानुभूति होनी चाहिए।
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प्यार में अक्सर हम नहीं जानते कि हम चाहते क्या हैं! प्यार में हम लगातार बेकली से यह जानने की कोशिश करते हैं कि आख़िरकार हम प्यार में चाहते क्या हैं!
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उन्नत, उदात्त, कलात्मक-सौन्दर्यात्मक प्यार एक त्रासदी होता है, एक महाकाव्यात्मक त्रासदी | प्यार का दर्द से रिश्ता पुरातन है, और चिर-नवीन भी।
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यहाँ पुरुष युद्ध में विजय की भावना से प्यार करना चाहते हैं। स्त्रियाँ पराजय के बाद, सहर्ष आत्मविह्वल आत्मसमर्पण की प्रतीक्षा करती हैं। यह मेरी दुनिया नहीं है। इससे अलग एक दुनिया बनाने की कोशिश में ताउम्र लगे रहना भी प्यार में जीने जैसा ही होता है।
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जिनमें अकेले जीने की कुव्वत होती है, उन्हीमें शिद्दत से प्यार करने की भी कुव्वत होती है।
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प्यार में स्वतंत्रता अपने उच्चतम रूप में होती है। जो प्यार स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करे, वह एक भ्रम है, छलावा है। चीज़ों को हम जितना समझते जाते हैं, उतना ही मुक्ति की दिशा में आगे बढ़ते जाते हैं। यह बात प्यार के बारे में भी लागू होती है।
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बुर्जुआ समाज में लोग एक-दूसरे से, प्रकृति से और मानवीय गुणों से कटे हुए होते हैं। वे अलगाव-ग्रस्त होते हैं, और इस पीड़ा से मुक्ति के लिए रोमैंटिक, ऐन्द्रिक प्यार या पार्टनरशिप या विवाह को अपना शरण्य बनाते हैं। यह संकट से मुक्ति और सुविधा के लिए किया गया एक समझौता होता है, जिसे प्यार समझ लिया जाता है। कमजोर नागरिकों और ‘सद्गृहस्थों’ के लिए ही नहीं, महत्वाकांक्षी कैरियरवादियों के लिए भी, यह मिथ्याभास जीने का सहारा होता है।
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जब सड़कों पर हत्या, आतंक, विचारहीनता और बर्बरता का घटाटोप है, जब स्वप्न, कल्पना और उम्मीदें लुप्तप्राय लग रही हैं, जब हत्यारे लोगों को लगातार बता रहे हैं कि उनके पास कोई और विकल्प नहीं है; तो मैं अक्सर उन लोगों के बारे में सोचती हूँ जो दावे किया करते थे कि वे बहुत गहराई से, बहुत दार्शनिकता और गहन सौन्दर्यानुभूति के साथ प्यार करते हैं। इतिहास का अँधेरा प्यार का भी इम्तहान लेता हैI
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ऐसे अंधकारमय समय से जूझते हुए कई बार लगता है कि प्यार दिल से अधिक थकी हुई हड्डियों की ज़रूरत होता है।


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