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Showing posts from October, 2018

कुछ बेतरतीब उद्धरण

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कुछ बेतरतीब उद्धरण धीरज प्रतीक्षा है लेकिन निष्क्रिय प्रतीक्षा नहीं। वह काहिली है। उस समय भी जब कि चलना कठिन और धीमा हो निरन्तर चलते जाना ही धीरज है। धीरज और समय दो सबसे अधिक शक्तिशाली योद्धा हैं ✍   तोल्सतोय ________________________ जिनकी सम्पत्ति ज्यादा होती है उनके पास डरने को बहुत कुछ होता है ✍   रविन्‍द्रनाथ टैगोर ________________________ आप की जिन्दगी के सबसे शानदार लमहे आप के सफल कहे जानेवाले दिन नहीं होते बल्कि वे दिन होते हैं जब मायूसी और नाउम्मिदी आपके भीतर जिन्दगी से दो दो हाथ करने का हौसला पैदा करती है और भविष्य की कामयाबियों का वायदा करती है ✍   गुस्ताव फ्लॉबेयर ________________________ जो स्वीकार्य है उससे नहीं , बल्कि जो सही है उससे शुरुआत करो ✍   फ्रांज़ काफ्का ________________________ अंतर्दृष्टि-विहीन सक्रियता से अधिक भयंकर कुछ भी नहीं होता ✍   गोयठे ________________________ मानवीय यातना के प्रति उदासीन विद्वता अनैतिक है ✍   रिचर्ड लेविन्स ________________________ लोग कहते हैं आंदोलन , प्रदर्शन और जुलूस नि

डेंगू के बारे में जानने के लिए ये पोस्‍ट जरूर पढ़ें / डॉ नवमीत

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डेंगू के बारे में चंद बातें डॉ नवमीत ( Doctors for Society के साथ जुड़े डॉक्‍टर) आजकल देश में डेंगू फैला हुआ है और हजारों लोग इसकी चपेट में हैं। कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है और जनता में दहशत का माहौल है। तरह तरह की अफवाहें भी फैली हुई हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस बीमारी के बारे में सही जानकारी जनता तक पहुंचे।   सबसे पहले हम बात करेंगे कि डेंगू आखिर है क्या और यह कैसे होता है ?  डेंगू एक संक्रामक रोग है जिसका संक्रमण एक मच्छर के काटने से होता है। इस मच्छर को एडीस एजिप्टी या टाइगर मस्किटो के नाम से जाना जाता है। टाइगर मच्छर इसलिए क्योंकि इस मच्छर के काले शरीर पर सफेद धारियां होती हैं। यह मच्छर दिन में काटता है। यह मच्छर अक्सर मानव आबादी के आसपास पानी के कृत्रिम स्रोतों और अन्य जगहों जैसे टिन , टूटी बोतलों , गमलों , नारियल के खोपों , मिट्टी के टूटे बर्तनों , पेड़ों के खोखले तनों , कूलरों , पानी की टँकी , पक्षियों के लिए रखे पानी के बर्तन आदि में इकट्ठे हुए साफ पानी में पनपता है। यह मच्छर लम्बी दूरी की उड़ान भी नहीं भरता। अपने स्रोत से अधिक से अधिक 100 मीटर से ज्यादा नहीं

कहानी - आखिरी पत्ता / ओ हेनरी Story - The Last Leaf / O. Henry

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कहानी - आखिरी पत्ता ओ हेनरी For English version please scroll down वाशिंगटन चौक के पश्चिम की ओर एक छोटा-सा मुहल्ला है जिसमें टेढ़ी-मेढ़ी गलियों के जाल में कई बस्तियां बसी हुई हैं। ये बस्तियां बिना किसी तरतीब के बिखरी हुई है। कहीं-कहीं सड़क अपना ही रस्ता दो-तीन बार काट जाती है। इस सड़क के सम्बन्ध में एक कलाकार के मन में अमूल्य सम्भावना पैदा हुई कि कागज , रंग और कैनवास का कोई व्यापारी यदि तकादा करने यहां आये तो रास्ते में उसकी अपने आपसे मुठभेड़ हो हो जायेगी और उसे एक पैसा भी वसूल कियेबिना वापिस लौटना पड़ेगा। इस टूटे-फ़ूटे और विचित्र ,' ग्रीनविच ग्राम ' नामक मुह्ल्ले में दुनिया भर के कलाकार आकर एकत्रित होने लगे। वे सब के सब उत्तर दिशा में खिड़कियां , अठारहवीं सदी के महराबें , छत के कमरे और सस्ते किरायों की तलाश में थे। बस छठी सड़क से कुछ कांसे के लोटे और टिन की तश्तरियां खरीद लाये और ग्रहस्थी बसा ली। एक नीचे से मकान के तीसरी मंजिल पर , सू जौर जान्सी का स्टूडियो था। जान्सी , जोना का अपभ्रंश था। एक ' मेईन ' से आयी थी और दूसरी ' कैलाफ़ोर्निया ' से।

मोदी सरकार एक बार फिर उद्योगपतियों को कई हजार करोड़ बांटने जा रही है

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यह रॉफेल से बड़ा घोटाला है.......... गिरीश मालवीय  दो दिन पहले अजीत डोभाल उद्योगपतियों से सहानुभूति प्रदर्शित करते पाए गए ,...... प्रधानमंत्री मोदी तो साफ साफ बोले थे कि हिन्दुस्तान को बनाने में उद्योगपतियों की भी भूमिका है और उन्हें चोर लुटेरा कहना या अपमानित करना पूर्णतया गलत है ' आखिरकार भाजपा को पूंजीपतियों से इतनी मोहब्बत क्यो है कि उनके लिए देश की जनता के बजाए बड़े पूंजीपति घराने क्यो महत्वपूर्ण है ? सरकार का तो प्रथम कर्तव्य ही है जनता के कल्याण के लिए कार्य करना और विधानसभा से लेकर संसद तक में उनके हितों का खयाल रखना लेकिन मोदी सरकार इतनी अनोखी सरकार है कि उसे लगता है कि जनता जाए भाड़ में बस हमारे अडानी अम्बानी को जरा सी भी तकलीफ न होने पाए! इसका सबसे बड़ा उदाहरण कल सामने आया है लेकिन इस बात को समझने के लिए आपको पूरा मामला समझना होगा अडानी पावर , टाटा पावर और एसार पावर यह तीनों कम्पनियाँ वर्ष 2010 समझौते के अंतर्गत गुजरात राज्य में बिजली दे रही थी ये समझौता गुजरात सरकार और इन बिजली कंपनियों के बीच हुआ था। समझौते के मुताबिक , बिजली कंपनियों को अगले 25 साल तक र