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Showing posts from March, 2019

मजदूर वर्ग के महान शिक्षक कार्ल मार्क्‍स के कुछ उद्धरण Some quotations by great teacher of proletariat Karl Marx

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मजदूर वर्ग के महान शिक्षक कार्ल मार्क्‍स के कुछ उद्धरण  1. दुनिया के मजदूरो एक हो, तुम्हारे पास खोने के लिए अपनी जंजीरों के सिवाय कुछ नहीं है. 2. क्रांतियां इतिहास का इंजन होती हैं 3. पिछले सभी समाजों का इतिहास वर्ग संघर्ष का इतिहास रहा है. 4. धार्मिक व्यथा एक साथ वास्तविक व्यथा की अभिव्यक्ति तथा वास्तविक व्यथा का प्रतिवाद दोनों ही है। धर्म उत्पीड़ित प्राणी की आह (उच्छ्वास) है, निर्दय संसार का मर्म है तथा साथ ही निरुत्साह परिस्थितियों का उत्साह भी है। यह जनता की अफ़ीम है। 5. पूंजी मृत श्रम है जो पिशाच की तरह है , जो केवल श्रम चूसकर ही जिन्दा रहता है और जितना अधिक जीता है उतना श्रम चूसता है. 6. साम्यवाद के सिद्धांत को एक वाक्य में अभिव्यक्त किया जा सकता है: निजी संपत्ति को समाप्त करो. 7. सामाजिक प्रगति को महिलाओं की सामाजिक स्थिति से मापा जा सकता है. 8. जीने और लिखने के लिए लेखक को पैसा कमाना चाहिए, लेकिन किसी भी सूरत में उसे पैसा कमाने के लिए जीना और लिखना नहीं चाहिए  9. समाज व्यक्तियों से मिलकर नहीं बनता है बल्कि उनके अंतर्संबंधों का योग होता है, इन्हीं संबंधों के

अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर कुछ कविताएं व एक लेख

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अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर कुछ कविताएं व एक लेख ---------------- जो पैदा होंगी हमारे बाद अज्ञात ये मत कहो बहनो कि तुम कुछ नहीं कर सकतीं आस्था की कमी अब और नहीं हिचक अब और नहीं आओ, पूछें अपने आप से क्या चाहते हैं हम? पूर्ण मुक्ति चाहिए, नहीं चाहते कम उड़ाने दो माखौल उन्हें, रुक जायेगी हँसी एक दिन वे दिन क्या दूर हैं? क्या फ़र्क पड़ता है उससे। संघर्षों में झेलनी हैं दिक्क़तें और तकलीफ़ें हमें सुख उन बहनों के लिए होगा, जो पैदा होंगी हमारे बाद। ---------------- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आज़ादी और सम्मान के लिए लगातार लड़ते रहने की ज़िद के नाम! कविता कृष्णपल्लवी मुझमें साँस लेती है आज़ादी। मेरा ज़ेहन सपनों की वादी है। बग़ावत मेरी धमनियों-शिराओं में  खून बनकर बहती है।  कितनी-कितनी हारों के बाद भी  दिल मेरा तैयार नहीं छोड़ने को  लड़ते रहने की जिद। कई बार काटे गए मेरे पंख  पर रात भर में ही  वे फिर उग आये  और मैं निकल पड़ी खुले आकाश में  तूफानों के प्रदेश की यात्रा पर। ---------------- मेरे क्रोध की लपटें एक फ़ि

कानूनी दमन, जुल्‍म के विरुद्ध कुछ उद्धरण और कविताएं

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कानूनी दमन, जुल्‍म के विरुद्ध कुछ उद्धरण और कविताएं ✍भगत सिंह, अवतार सिंह पाश, बर्तोल्त ब्रेख्त _________________________ भगत सिंह ने कहा था क़ानून की पवित्रता तभी तक रखी जा सकती है जब तक वह जनता के दिल यानी भावनाओं को प्रकट करता है। जब यह शोषणकारी समूह के हाथों में एक पुर्ज़ा बन जाता है तब अपनी पवित्रता और महत्त्व खो बैठता है। न्याय प्रदान करने के लिए मूल बात यह है कि हर तरह के लाभ या हित का ख़ात्मा होना चाहिए। ज्यों ही क़ानून सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा करना बन्द कर देता है त्यों ही ज़ुल्म और अन्याय को बढ़ाने का हथियार बन जाता है। ऐसे क़ानूनों को जारी रखना सामूहिक हितों पर विशेष हितों की दम्भपूर्ण ज़बरदस्ती के सिवाय कुछ नहीं है। _________________________ हम मानते हैं कि स्वतन्त्रता प्रत्येक मनुष्य का अमिट अधिकार है। हर मनुष्य को अपने श्रम का फल पाने जैसा सभी प्रकार का अधिकार है और प्रत्येक राष्ट्र अपने मूलभूत प्राकृतिक संसाधनों का पूर्ण स्वामी है। अगर कोई सरकार जनता को उसके इन मूलभूत अधिकारों से वंचित रखती है तो जनता का केवल यह अधिकार ही नहीं बल्कि आवश्यक क

युद्धोन्माद की लहर को वोट में बदलने की बेशर्म और बदहवास संघी कोशिशें

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युद्धोन्माद की लहर को वोट में बदलने की बेशर्म और बदहवास संघी कोशिशें कविता कृष्‍णपल्‍लवी अब यह बात दिन के उजाले की तरह साफ़ हो चुकी है कि सारा धंधा युद्धोन्माद की आँच भड़काकर चुनावी गोट लाल करने की थी। वो तो येदुयुरप्पा की मूर्खता थी कि उसने यह बयान भी दे दिया कि एयर स्ट्राइक के बाद पैदा हुई लहर में हम कर्नाटक की सभी लोकसभा सीटें जीत लेंगे। एक और भाजपा नेता ने भी यह बयान दे दिया कि जो राष्ट्रीय भावना पैदा हुई है, उसे हमें वोटों में तब्दील करना होगा। यह अनायास नहीं था कि पुलवामा के बाद ही मोदी ने धुंआधार रैलियाँ करके युद्धोन्माद भड़काने और उसे भुनाने की पूरी कोशिश की। और अब भाजपा वाले जीप में अभिनन्दन की तस्वीर बाँधकर बेशर्मी से मोदी को सारा श्रेय देने और वोट लूटने की कोशिश कर रहे हैं। जीप में तस्वीर कुछ वैसे ही और उसी जगह बाँधी गयी है जैसे कश्मीर में सेना के एक अधिकारी ने एक युवक को बाँधकर घुमाया था। आखिर ये बेशर्म और मूर्ख श्रेय किस बात का ले रहे है ? पुलवामा के बाद भारत ने खोये 62 जवान, एक जहाज़ और एक हेलीकाप्टर और पाकिस्तान से सिर्फ़ एक जहाज़। अब मीडिया और सरकार द्वारा भारती