निकोलाई गोगोल की प्रसिद्ध कहानी - नाक Nikolai Gogol's famous story - The Nose

निकोलाई गोगोल की प्रसिद्ध कहानी - नाक For English version please scroll down अनुवाद - मुनीश सक्सेना http://www.rachanakar.org/2016/03/blog-post_27.html से साभार 1 सेंट पीटर्सबर्ग में 25 मार्च को एक अत्यंत असाधारण घटना हुई। वोज़्नेसेंस्की एवेन्यू में रहने वाला हज्जाम इवान याकोव्लेविच ; उसका कुलनाम तो कहीं खो गया है और वह उसकी दुकान के साइनबोर्ड पर भी नहीं लिखा है जिसमें गालों पर साबुन का बहुत-सा झाग लगाये हुए एक सज्जन की तस्वीर बनी है और साथ ही यह सूचना भी लिखी हुई हैः ‘‘ यहाँ फ़स्द भी खोली जाती है ’’, तो हज्जाम इवान याकोव्लेविच एक दिन बहुत सवेरे उठा और उसकी नाक में गरम-गरम रोटी की ख़ुशबू आयी। बिस्तर पर लेटे-लेटे ही उसने थोड़ा-सा सिर उठाकर देखा कि उसकी बीवी , जो निहायत शरीफ़ औरत थी और कॉफ़ी की बेहद शौक़ीन थी , तंदूर में से ताज़ी सिंकी हुई रोटियाँ निकाल रही थी। ‘‘ प्रस्कोव्या ओसिपोव्ना , आज मैं कॉफ़ी नहीं पिऊंगा ,’’ इवान याकोव्लेविच ने एलान किया , ‘‘ उसके बजाय मैं प्याज़ के साथ एक गरम-गरम रोटी खाना चाहूंगा। ’’ ( सच पूछिये तो इवान याकोव्लेविच प...