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कहानी - डाकचौकी का चौकीदार / अलेक्सान्द्र पूश्किन Story - The Stationmaster / Alexander Pushkin

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कहानी - डाकचौकी का चौकीदार / अलेक्सान्द्र पूश्किन  ( मूल रूसी भाषा से अनुवाद आ. चारुमति रामदास) मुंशी सरकार का तानाशाह डाकचौकी का - राजकुमार व्याज़ेम्स्की डाकचौकी के चौकीदारों को किसने गालियाँ नहीं दी होंगी , किसका उनसे झगड़ा न हुआ होगा ? किसने क्रोध में आकर उनसे शिकायत पुस्तिका न माँगी होगी , जिसमें वह अपनी व्यर्थ की शिकायत दर्ज कर सकें: बदमिजाज़ी , बदतमीज़ी और बदसुलूकी के बारे में ? कौन उन्हें भूतपूर्व धूर्त मुंशी या फिर मूरोम के डाकू नहीं समझता , जो मानवता के नाम पर बदनुमा दाग़ हैं ? मगर , फिर भी , आइए , उनके स्थान पर स्वयम् को रखकर , उनके बारे में तटस्थता से विचार कर , उनके साथ कुछ इन्साफ़ करें। डाकचौकी का चौकीदार आख़िर क्या बला है ? चौदहवीं श्रेणी का पीड़ित-शोषित जीव , ताड़न-उत्पीड़न से जिसकी रक्षा कभी-कभार यह सरकारी वर्गीकरण कर देता है , मगर हमेशा नहीं (अपने पाठकों के विवेक पर आधारित है मेरा यह कथन)। क्या ज़िम्मेदारी है इस प्राणी की जिसे राजकुमार व्याज़ेम्स्की व्यंग्य से ‘ तानाशाह ’ कहता है ? यह कालेपानी की सज़ा तो नहीं ? न दिन में चैन , न रात में। उबाऊ सफ़र से संचित पूरे क्रोध को मुसा

“धर्म संसद” के मंच से खुलेआम नरसंहार और हिंसा का आह्वान - मोदी-योगी सरकार और संघ गिरोह जुटे नफ़रत की खेती में

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“धर्म संसद” के मंच से खुलेआम नरसंहार और हिंसा का आह्वान - मोदी-योगी सरकार और संघ गिरोह जुटे नफ़रत की खेती में  सत्‍यम संघ परिवार के नये मोहरे यति नरसिंहानंद की ओर से 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में आयोजित “धर्म संसद” के मंच से मुसलमानों के विरुद्ध नंगी घृणा से बजबजाते भाषण दिये गये और खुलेआम नरसंहार और हिंसा का आह्वान किया गया। ये कुछ छुटभैये पगलेटों का समूह नहीं था, ये सभी नामी हिन् ‍ दू धर्मगुरु हैं, जिनके चेलों और भक् ‍ तों की संख्या लाखों में है। मगर कुछ चुटकुलों या गीतों से समाज में “अशान्ति” फैलने का डर दिखाकर लोगों को गिरफ़्तार कर लेने वाली सरकारें कान में तेल डालकर और मुँह में दही जमाकर बैठी हुई हैं। गोदी मीडिया के चरसी भाँड़ों के लिए यह कोई मुद्दा नहीं है जबकि नफ़रत से बजबजाते हर भाषण के वीडियो मौजूद हैं। बस चन् ‍ द बयानों पर नज़र डाल लें : "कॉपी किताबों को रख दो और हाथ में शस्त्र उठा लो, हम 100 मिलकर इनके 20 लाख मार देंगे तो विजयी कहलाएँगे!" - अन्नपूर्णा माँ, निरंजिनी अखाड़े की महामंडलेश्वर और हिंदू महासभा की महामंत्री। "जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि अल