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Showing posts from January, 2021

कहानी - दाज्यू / शेखर जोशी

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 कहानी -   दाज्यू शेखर जोशी चैक से निकलकर बाईं ओर जो बड़े साइनबोर्ड वाला छोटा कैफे है वहीं जगदीश बाबू ने उसे पहली बार देखा था। गोरा-चिट्टा रंग , नीला श़फ्फ़ाफ़ आँखें , सुनहरे बाल और चाल में एक अनोखी मस्ती-पर शिथिलता नहीं। कमल के पत्ते पर फिसलती हुई पानी की बूँद की-सी फुर्ती। आँखों की चंचलता देखकर उसकी उम्र का अनुमान केवल नौ-दस वर्ष ही लगाया जा सकता था और शायद यही उम्र उसकी रही होगी। अधजली सिगरेट का एक लंबा कश खींचते हुए जब जगदीश बाबू ने कैफे में प्रवेश किया तो वह एक मेज पर से प्लेटें उठा रहा था और जब वे पास ही कोने की टेबल पर बैठे तो वह सामने था। मानो , घंटों से उनकी , उस स्थान पर आनेवाले व्यक्ति की , प्रतीक्षा कर रहा हो। वह कुछ बोला नहीं। हाँ , नम्रता प्रदर्शन के लिए थोड़ा झुका और मुस्कराया-भर था , पर उसके इसी मौन में जैसे सारा ‘ मीनू ’ समाहित था। ‘ सिंगल चाय ’ का आर्डर पाने पर वह एक बार पुनः मुस्कराकर चल दिया और पलक मारते ही चाय हाज़िर थी। मुनष्य की भावनाएँ बड़ी विचित्र होती हैं। निर्जन, एकांत स्थान में निस्संग होने पर भी कभी-कभी आदमी एकाकी अनुभव नहीं करता। लगता है , इस एकाकीपन

26 जनवरी के घटनाक्रम के बाद किसान आन्‍दोलन के बारे में कुछ प्राथमिक प्रेक्षण

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  26 जनवरी के घटनाक्रम के बाद किसान आन् ‍ दोलन के बारे में कुछ प्राथमिक प्रेक्षण अभिनव सि‍न्हा 26 जनवरी के घटनाक्रम के बाद मौजूदा धनी किसानों के आन् ‍ दोलन के विषय में कुछ प्राथमिक प्रेक्षण रखना आवश् ‍ यक है। लगातार ट्रेन यात्राओं में रहने के कारण कुछ दिन देर से यह कार्य कर पा रहा हूं। बहरहाल, सबसे पहले तो यह कह देना आवश् ‍ यक है कि हम इस आन् ‍ दोलन की मांगों और उसके वर्ग चरित्र के प्रति असहमति रखते हुए भी विरोध करने के उसके जनवादी अधिकार की हिमायत करते हैं और राज् ‍ यसत् ‍ ता द्वारा उसके दमन के प्रयासों के भी विरुद्ध हैं। 26 जनवरी की घटनाओं के बाद आन् ‍ दोलन के कई नेताओं के ऊपर राजद्रोह और यूएपीए जैसे काले कानूनों के मातहत जो मुकदमे दर्ज किये गये हैं वे सरासर ग़लत हैं और किसी के ऊपर भी इन कानूनों के तहत मुकदमे दर्ज करने को हम जनता के बुनियादी नागरिक व जनवादी अधिकारों का हनन मानते हैं। विशेष तौर पर, उत् ‍ तर प्रदेश की फासीवादी योगी सरकार जबरन किसानों के विरोध के जनवादी अधिकार का दमन करने पर आमादा है। हम इसका पुरज़ोर विरोध करते हैं। यह टिप् ‍ पणी लिखे जाते समय तक भी उत् ‍ तर प्रदेश-दिल्