तीन कवि तीन कविताएं और हमारे आज के राजा

तीन कवि तीन कविताएं और हमारे आज के राजा ____________________ बोधि सत्व की कविता कलजुग का एक राजा था राजा क्या था बाजा था हरदम निज गुन गाता था भारत भाग्य विधाता था नंगे भूखे चिरकुट जन में सुबरन सूट दिखाता था क्या दूँ क्या दूँ बोलो बोलो यह मैं यह मैं गाता था कभी डरा सा कभी रुआंसा अपनी पीठ खुजाता था सदा जयी सा किन्तु क्षयी सा धन पशुओं का बाजा था ____________________ अदम गोंडवी की कलम से जो 'डलहौजी' न कर पाया वो ये हुक्काम कर देंगे। कमीशन दो तो हिन्दुस्तान को नीलाम कर देंगे। सुरा औ' सुन्दरी के शौक़ में डूबे हुए रहबर, ये दिल्ली को रँगीलेशाह का हम्माम कर देंगे। ये वन्देमातरम् का गीत गाते हैं सुबह उठकर, मगर बाज़ार में चीज़ों का दुगुना दाम कर देंगे। सदन में घूस देकर बच गई कुर्सी तो देखोगे, ये अगली योजना में घूसखोरी आम कर देंगे। ____________________ राजेश जोशी की कविता - जो सच सच बोलेंगे मारे जाएंगे जो इस पागलपन में शामिल नहीं होंगे मारे जाएंगे।...