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Showing posts from November, 2018

फिलिस्‍तीनी जनता की बहादुरी बयां करती कुछ कविताएं

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फिलिस् ‍ तीनी जनता की बहादुरी बयां करती कुछ कविताएं आज दुनिया में एक देश ऐसा भी है जो 1947 से पहले के भारत जैसा है , कई मायनों में उससे भी बदतर हालात में। उस देश का नाम है फिलि ‍ स् ‍ तीन। दुनिया का हर इंसाफपसन् ‍ द व् ‍ यक्ति एक लम् ‍ बे अरसे से इजरायली बर्बरता के ‍  खिलाफ फिलिस् ‍ तीनी जनता के समर्थन में खड़ा रहा है दुनिया के तमाम हत् ‍ यारों के गठजोड़ से भी फिलिस् ‍ तीनी जनता का संघर्ष कमजोर नहीं पड़ेगा। उनकी बहादुरी बेमिसाल है। उनकी इसी बहादुरी को बताती कुछ कविताएं यहां पेश हैं - _________________________ 1 ⃣   फदवा तुकन (फिलिस्तीनी कवयित्री) फिलिस्तीन वे तबाह नहीं कर सकते तुम्हें कभी भी क्योंकि तुम्हारी टूटी आशाओं के बीच सलीब पर चढ़े तुम्हारे भविष्य के बीच तुम्हारी चुरा ली गयी हँसी के बीच तुम्हारे बच्चे मुस्कुराते हैं धवस्त घरों , मकानों और यातनाओं के बीच ख़ून सनी दीवारों के बीच ज़िन्दगी और मौत की थरथराहट के बीच _________________________ 2 ⃣   गोरख पाण्डेय फिलिस्तीन एक समूची ज़मीन है , और ज़मीन से मुकम्मल प्यार इसलिए तु

देश के आधे एटीएम बन्द होने का भाजपाई उद्योगपति कनेक्शन

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देश के आधे एटीएम बन्द होने का भाजपाई उद्योगपति कनेक्शन गिरीश मालवीय कृपया पूरा पढ़े .......कुछ दिन पहले एक खबर आई थी कि देश भर के आधे एटीएम बन्द होने वाले है दरअसल एटीएम इंडस्ट्री से जुड़े संगठन सीएटीएमआई के हवाले से ये बात कही गयी थी संगठन ने इसकी वजह नियमों में हुए बदलाव को बताया , जिसके चलते एटीएम ऑपरेट करना आसान नहीं रह गया है सीएटीएमआई के डायरेक्टर वी बालासुब्रमण्यन के अनुसार अप्रैल 2018 में आरबीआई ने एटीएम सर्विस प्रोवाइडर और उनके कॉन्ट्रैक्टर पर सख्त नियम लागू कर दिए थे , इन नियमों के अनुसार एटीएम सर्विस प्रोवाइडर की कुल संपत्ति कम से कम 100 करोड़ रुपए होनी जरूरी है। उसके पास 300 कैश वैन का बेड़ा होना अनिवार्य है। हर वैन में दो संरक्षक और दो बंदूकधारी गार्ड और एक ड्राइवर तैनात करना होगा। हर कैश वैन जीपीएस और सीसीटीवी से लैस होनी चाहिए। इसके अलावा सभी एटीएम का सॉफ्टवेयर विंडोज एक्सपी से विंडोज 10 में अपग्रेड होना चाहिए इसके अलावा सुरक्षा मानकों को ध्यान मे रखते हुए ओर भी नियम बनाए गए हैं अब इन नियमों को पढ़ कर आपको भी एक बार ऐसा लगेगा कि इसमें क्या गलत है सारे नियम

गिरोल्मो फ्राकस्टोरो और लुई पाश्चर - सच्‍चे वैज्ञानिक

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गिरोल्मो फ्राकस्टोरो और लुई पाश्चर - सच्‍चे वैज्ञानिक   डॉ. नवमीत  आज अधिकतर लोग जानते हैं कि संक्रामक रोग सूक्ष्म जीवों की वजह से होते हैं। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं था। किसी समय आम लोग ही नहीं बल्कि डॉक्टर भी इन रोगों का कारण खराब हवा या प्रदूषण को मानते थे। मलेरिया का तो नाम ही mal ( खराब) + aria ( हवा) इसलिए पड़ा था। सिर्फ मलेरिया ही नहीं बल्कि काली मौत के नाम से प्रसिद्ध प्लेग , हैजा , चेचक आदि तमाम बीमारियां खराब हवा की वजह से मानी जाती थी। यह तो पढेलिखे लोग मानते थे। अधिकतर लोग तो इसको ईश्वरीय प्रकोप ही समझते थे। बहरहाल ईश्वरीय प्रकोप की थ्योरी की ही तरह इसका भी कोई वैज्ञानिक आधार नहीं था। फिर 16 वीं सदी में इटली में एक डॉक्टर हुए। उनका नाम था गिरोल्मो फ्राकस्टोरो। वे एक डॉक्टर थे , एक कवि भी थे (ऐसा कम ही देखने को मिलता है)। साथ ही वे एक गणितज्ञ थे , भूगोलशास्त्री और खगोलशास्त्री भी थे। मतलब वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। 19 साल की उम्र में वह विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बन चुके थे। अपनी डॉक्टरी की प्रैक्टिस के दौरान 1546 में उन्होंने कहा कि ये महामारियां हवा की खराबी नही

कविता - तो आप लेखक बनना चाहते हैं / चार्ल्स बुकोवस्की Poem - So you want to be a writer? / Charles Bukowski

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तो आप लेखक बनना चाहते हैं  चार्ल्स बुकोवस्की (अनुवाद -  वरुण ग्रोवर) मत लिखो — अगर फूट के ना निकले बिना किसी वजह के मत लिखो। अगर बिना पूछे-बताए ना बरस पड़े , तुम्हारे दिल और दिमाग़ और जुबाँ और पेट से मत लिखो। अगर घण्टों बैठना पड़े अपने कम्प्यूटर को ताकते   या टाइपराइटर पर बोझ बने हुए खोजते कमीने शब्दों को मत लिखो। अगर पैसे के लिए या शोहरत के लिए लिख रहे हो मत लिखो। अगर लिख रहे हो कि ये रास्ता है किसी औरत को बिस्तर तक लाने का तो मत लिखो। अगर बैठ के तुम्हें बार-बार करने पड़ते हैं सुधार जाने दो। अगर लिखने की बात सोचते ही होने लगता है तनाव छोड़ दो। अगर किसी और की तरह लिखने की फ़िराक़ में हो तो भूल ही जाओ अगर वक़्त लगता है कि चिंघाड़े तुम्हारी अपनी आवाज़ तो उसे वक़्त दो पर ना चिंघाड़े ग़र फिर भी तो सामान बाँध लो। अगर पहले पढ़ के सुनाना पड़ता है अपनी बीवी या प्रेमिका या प्रेमी या माँ-बाप या अजनबी आलोचक को तो तुम कच्चे हो अभी। अनगिनत लेखकों से मत बनो उन हज़ारों की तरह जो कहते हैं ख

लेव तोल्स्तोय के कुछ उद्धरण

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' युद्ध और शांति ', ' आन्ना कारेनिना ', ' पुनरुत्थान ' आदि कालजयी कृतियों के सर्जक , इतिहास , सामाजिक जीवन और मनुष्य के अंतर्जगत के अद्वितीय चितेरे लेव तोल्स्तोय के कुछ उद्धरण जहाँ सरलता , अच्छाई और सच्चाई नहीं होती , वहाँ कोई महानता नहीं होती ------------ अगर तुम खुश होना चाहते हो , तो हो जाओ ------------ संगीत भावनाओं का ' शॉर्टहैंड ' होता है ------------ इतिहासकार बहरे लोग होते हैं जो उन सवालों का उत्तर देते चले जाते हैं जो उनसे किसी ने नहीं पूछा है ------------ जीवन का एकमात्र अर्थ मनुष्यता की सेवा करना होता है ------------ नीत्शे बुद्धिहीन और विकृतबुद्धि था ------------ सभी सुखी परिवार एक-दूसरे से मिलते-जुलते होते हैं , सभी दुखी परिवार अपने-अपने ढंग से दुखी होते हैं ------------ कला दस्तकारी नहीं है , यह कलाकार द्वारा अनुभूत भावनाओं का सम्प्रेषण है ------------ घमंडी आदमी अपने को परिपूर्ण-परिशुद्ध मानता है। घमंड का यह सबसे बड़ा नुकसान है। यह ज़िंदगी में इंसान के मुख्य काम -- एक बेहतर इंसान बनने में बाधा

क्या प्रधानमंत्री मोदी मध्य प्रदेश की एक सभा में रवीश का लिखा एक भाषण पढ़ सकते हैं

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क्या प्रधानमंत्री मोदी मध्य प्रदेश की एक सभा में मेरा लिखा एक भाषण पढ़ सकते हैं रवीश कुमार रवीश कुमार के ब्‍लॉग कस्‍बा से साभार   भाइयों और बहनों , आज मैंने भाषण का तरीका बदल दिया है। मैंने अलग अलग फार्मेट में भाषण दिए हैं लेकिन आज मैं वो करने जा रहा हूं जो कांग्रेस के नेता पिछले सत्तर साल में नहीं कर सके। मैंने रटा-रटाया भाषण छोड़ कर कुछ नया करने का फैसला किया है। मुझे यह कहने में संकोच नहीं कि यह भाषण रवीश कुमार ने लिखा है , लेकिन दोस्तों , भाषण कोई भी लिखे , अगर वह राष्ट्रहित में है। पर मैंने भी कह दिया कि मैं पढूंगा वही जो सरकारी दस्तावेज़ पर आधारित होता है। रवीश कुमार मान गए और उन्होंने मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट से 2015-16 की रिपोर्ट निकाली। 2016-17 और 2017-18 की रिपोर्ट ही नहीं है , वेबसाइट पर। मैं तो कहता हूं कि रिपोर्ट होगी मगर सबको खोजना नहीं आता है। ये जो स्पीच राइटर हैं आप तो जानते हैं न इनको। अरे , दो दो साल की रपट वेबसाइट पर नहीं है तो क्या हुआ। जो है उसी को पढ़ेंगे। हमें पूरा भरोसा है हम किसी भी साल नौजवानों को पीछे रखने में पीछे नहीं