फिलिस्तीनी जनता की बहादुरी बयां करती कुछ कविताएं
फिलिस् तीनी जनता की बहादुरी बयां करती कुछ कविताएं आज दुनिया में एक देश ऐसा भी है जो 1947 से पहले के भारत जैसा है , कई मायनों में उससे भी बदतर हालात में। उस देश का नाम है फिलि स् तीन। दुनिया का हर इंसाफपसन् द व् यक्ति एक लम् बे अरसे से इजरायली बर्बरता के खिलाफ फिलिस् तीनी जनता के समर्थन में खड़ा रहा है दुनिया के तमाम हत् यारों के गठजोड़ से भी फिलिस् तीनी जनता का संघर्ष कमजोर नहीं पड़ेगा। उनकी बहादुरी बेमिसाल है। उनकी इसी बहादुरी को बताती कुछ कविताएं यहां पेश हैं - _________________________ 1 ⃣ फदवा तुकन (फिलिस्तीनी कवयित्री) फिलिस्तीन वे तबाह नहीं कर सकते तुम्हें कभी भी क्योंकि तुम्हारी टूटी आशाओं के बीच सलीब पर चढ़े तुम्हारे भविष्य के बीच तुम्हारी चुरा ली गयी हँसी के बीच तुम्हारे बच्चे मुस्कुराते हैं धवस्त घरों , मकानों और यातनाओं के बीच ख़ून सनी दीवारों के बीच ज़िन्दगी और मौत की थरथराहट के बीच _________________________ 2 ⃣ गोरख पाण्डेय फिलिस्तीन एक समूची ज़मीन है , और ज़मीन से मुकम्मल प्यार इसलिए तु