कात्यायनी की बीस कविताएं
कात्यायनी की बीस कविताएं _________________ 1. बेहतर है... मौत की दया पर जीने से बेहतर है ज़िन्दा रहने की ख़्वाहिश के हाथों मारा जाना! _________________ 2. ऐसा किया जाय कि... ऐसा किया जाय कि एक साजिश रची जाय। बारूदी सुरंगें बिछाकर उड़ा दी जाय चुप्पी की दुनिया। _________________ 3. उनका भय जब हम गाते हैं तो वे डर जाते हैं। वे डर जाते हैं जब हम चुप होते हैं। वे डरते हैं हमारे गीतों से और हमारी चुप्पी से भी! _________________ 4. दीवारों के बारे में कभी वहाँ नहीं थीं दीवारें जहाँ आज हैं। जहाँ आज हैं कभी वहाँ नहीं होंगी दीवारें। दीवारें होती हैं नहीं होने के लिए। नवम्बर , 1992 _________________ 5. अच्छी और बुरी किताबों के बारे में ( एक लोकप्रचलित मान्यता) अच्छी और सुन्दर किताबें इंगित करती हैं बाहर - दुनिया की ओर। बुरी किताबें हमें बाहर से भीतर की ओर लाती हैं अपने सफ़ों के बीच क़ब्रों में ढकेल देती हैं। नवम्बर , 1992 _________________ 6. इन्क़लाब के...