कविता - मैं एक ऐसे प्रधानमंत्री को जानता हूँ / हरमीस बोहेमियन


मैं एक ऐसे प्रधानमंत्री को जानता हूँ 
 हरमीस बोहेमियन
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मानव-सभ्यता के सबसे क्रूरतम हत्यारे की हँसी
अय्याश आततायी की सौम्यता 
और धूर्ततम चोर के आँसू 
एक उचित और निश्चित मात्रा में मिलाने से 
तैयार होती है उसकी शक्ल

The Dictator By BenHeine
वह खाने में दंगा पसंद करता है 
और पीने में विरोधियों का लहू 
यूँ तो वह भय का खेल खेलता है 
पर हत्या और गद्दारी उसके मुख्य शौक हैं

उसकी उपस्थिति से मुझे लाखों मनुष्यों 
के जलने की चीख और दुर्गंध आती है

उसकी भाषा इतनी गिर चुकी है कि
शब्दों को घिन्न आती है उसकी ज़ुबान तक जाने में

मैंने उसे एक दिन संसद की छत पर टहलते देखा था 
उसकी देह पर कपड़े तो थे 
पर वो नंगा दिख रहा था 
उसकी देह हजार हत्याओं के खून से सनी हुई थी

उसने एक दिन मुझे बताया था कि 
देश उसके सपने में भेड़ की शक्ल में आता है 
जिसे वह सवेरा होने के पहले ही 
भूनकर खा जाता है

काफी मुमकिन है कुछ और भी लोग जानते हों उसे 
और मेरी तरह उन्हें भी ताज़िन्दगी 
इस बात का अफसोस रहे 
कि मैं एक ऐसे भी प्रधानमंत्री को जानता हूँ।



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