“मौत को चुनौती - न्गुयेन वान त्राय की कहानी” पुस्‍तक की पीडीएफ फाइल

“मौत को चुनौती - न्गुयेन वान त्राय की कहानी” पुस्‍तक की पीडीएफ फाइल

(उनकी विधवा पत्नी फानथी क्वुयेन द्वारा वर्णित और त्रान्ह चिन्ह वान द्वारा लिखित)

पीडीएफ फाइल डाउनलोड लिंक 



प्राक्कथन



जो लोग निर्भीक होकर मौत को चुनौती देते हैं
, मौत की आंखों में बेबाकी से आंखें डाल कर उसे ललकारते हैं उनकी मौत आम आदमी की मौत नहीं होती बल्कि उन खास लोगों की मौत होती है जो मानव इतिहास में सदा-सदा के लिये अपनी अमिट छाप छोड़ जाते हैं। ऐसे लोगों का साहस जीने वालों को प्रेरणा देता है। ऐसे लोगों की मौत अच्छे जीवन के लिए संघर्ष करने वालों के लिये एक मिसाल का काम देती है। ऐसे लोगों का बलिदान दूसरे लोगों को उदात्त लक्ष्यों के लिए अपने जीवन की आहुति देने के लिए प्रोत्साहित करता है।

मानव - इतिहास ऐसे कई गौरवपूर्ण नामों से परिचित है जिन्होंने अपना खून देकर जिन्दगी के खाकों में रंग भरा है। चेकोस्लोवाकिया के अमर शहीद जूलियस फ्युचिक ऐसे ही लोगों में से थे जिन्होंने स्याह रात के सीने पर भरपूर वार करके उन राहों को रोशन किया जो आदमी के उज्ज्वल भविष्य की ओर जाती हैं। और यह कहने की जरूरत नहीं कि जूलियस फ्युचिक का नाम पिछले कई दशकों से न केवल चेकोस्लोवालिया में ही बल्कि विश्व भर में सम्मान से लिया जाता है। उनका नाम मानव इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो चुका है और आने वाली अनेकानेक पीढ़ियां उनके जीवन-दर्शन से प्रभावित होती रहेंगी।

संगोन के युवक बिजली मिस्त्री न्गुयेन वान त्राय भी जूलियस फ्युचिक की तरह ही शहीदों के उस काफिले के हमसफर थे जो मौत पर प्रहार करता हुआ हर दौर में तब तक बढ़ता रहता है जब तक इन्सान के चिर- पोषित स्वप्न साकार नहीं हो जाते।

कवि तो हू ने न्गुयेन वान त्राय की मौत के सिलसिले में लिखा था, "ऐसी भी कुछ मौतें होती हैं जो आदमी को अमर बना देती हैं।" और बेशक मौत ने त्राय को अमर बना दिया है।

न्गुयेन वान त्राय ने मौत को चुनौती देकर अमरीकी साम्राज्यवाद को भयभीत कर दिया था और अपनी मातृभूमि के लिए हंसते-हंसते जीवन की बलि देकर उन्होंने न केवल अपन देसवासियों के दिल में ही बल्कि समस्त विश्व में साम्राज्यवाद विरोधी आन्दोलन के सिपाहियों और हिमायति‍यों के दिल में भी अपना स्थान बना लिया है।

ऐसे अमर शहीद की जीवन गाथा - "मौत को चुनौती " - प्रस्तुत करके हमने कामरेड त्राय को अपनी श्रद्धांजलि ही अर्पित की थी और हमें खुशी है कि पाठकों ने हमारे इस प्रयास को बहुत सराहा जिसका प्रमाण यह है कि अब हम इस पुस्तक का दूसरा संस्करण प्रकाशित कर रहे हैं। हमें पूर्ण विश्वास है कि अधिकाधिक तरुण त्राय के जीवन से प्रेरणा प्राप्त करेंगे और उस जीवन मंत्र को अपनायेंगे जो अमर शहीद भगत सिंह, जूलियस फ्युचिक, जोया, त्राय सरीखे उन कई योद्धाओं का जीवन- मन्त्र था जो न केवल जीने का ही ढंग जानते थे बल्कि मरने का सलीका भी खूब जानते थे।

Comments

Popular posts from this blog

केदारनाथ अग्रवाल की आठ कविताएँ

कहानी - आखिरी पत्ता / ओ हेनरी Story - The Last Leaf / O. Henry

अवतार सिंह पाश की सात कविताएं Seven Poems of Pash