महापशुता - कुक्रीनिक्सी
*'कुक्रीनिक्सी' नाम से प्रसिद्ध 3 व्यंग्यचित्रकारों का 1941 में बनाया कार्टून – 'महा पशुता'। कार्टून के साथ छपी कविता का अनुवाद सत्यम ने किया है। एक बार कार्टून जरूर देखें और कविता पढ़ें और याद रखें कि ये 1941 में बना है और नाजियों के लिए है। ज़ाहिर है, गौमाता और भारतमाता के प्रति संघियों का जो प्रेम इस समय चोकराया हुआ है, वह भी उनके फ़ासिस्ट पुरखों की विरासत है...*
आर्य रक्त की शुद्धतासम्मान पाती है गोमाता में।
शुद्ध रक्त वाली प्रशियाई गाय
श्रेष्ठ है अन्य सभी नस्लों से।
जर्मन जाति पवित्र भाव से भक्ति करती है
न तो आइंस्टीन की और न हाइने* की,
बल्कि गऊ और साँड की,
क्योंकि गऊ स्वामिनी है
प्रबुद्ध मस्तिष्क और स्वस्थ भावनाओं की।
और फिर हाइने
और आइंस्टीन
आपको न दूध दे सकते हैं न बछड़े!
हम तैयार करेंगे ऐसी स्थितियाँ,
कि आज के बाद,
हमारा रक्त भी होगा शुद्ध,
गोमाता की तरह।
और हमें नस्ल बढ़ानी होगी
गोमाता की तरह,
शुद्ध रक्त वाले पशुधन के
रेवड़ के रेवड़ खड़े करने होंगे
ताकि अपने पुत्र को देखकर
पिता गर्व से कह सके:
''एक सच्चा पशु,
ठीक अपने पिता और माता की तरह।''
*हेनरिख हाइने - जर्मनी के महाकवि, महान वैज्ञानिक आइंस्टीन भी जर्मनी में जन्मे थे मगर नाज़ियों के सत्ता में आने के बाद जर्मनी छोड़कर अमेरिका में बस गये थे।
बेहतरीन।
ReplyDeleteबहुत अच्छा।
ReplyDeleteअधोगामी विचारधारा हमेशा आपनी झूठी शान के लिए पशुओं को श्रेष्ठ मान कर इंसानों की बलि चढाती आई है । ये लोग सिर्फ अपने भले के लिए ही झूठ का बवंडर खड़ा करते है।
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