राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की असली जन्मकुण्डली और उसका असली एजेण्डा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की असली जन्मकुण्डली और उसका असली एजेण्डा सत्यम लेख मूल रूप में ‘तज़किरा’ पत्रिका के अंक-3 (जून ’25) में प्रकाशित हुआ था। लेख के पीडीएफ़ का लिंक पिछले ग्यारह वर्षों के दौरान मोदी-शाह शासन के दौरान अनेक विचलित करने वाली घटनाओं ने हर इंसाफ़पसन्द इन्सान को परेशान किया है। समाज में साम्प्रदायिक नफ़रत और हिंसा इतनी व्यापक और इतने गहरे तक फैल गयी है कि पूरा सामाजिक ताना-बाना तार-तार हो गया है। ऐसे हमलों के ख़िलाफ़ बहुत से लोगों में आक्रोश भी है , लेकिन यह आक्रोश फ़ासीवाद के विरोध में असरदार और सुसंगत प्रतिरोध में तब्दील नहीं हो पा रहा है। इसके पीछे एक वजह आम आबादी में आर.एस.एस.-भाजपा की पूरी राजनीति और फ़ासीवाद तथा उसकी कार्यप्रणाली की समझ का अभाव भी है। इस समय दुनिया के सबसे बड़े फ़ासिस्ट संगठन आर.एस.एस. का एक संक्षिप्त इतिहास आर.एस.एस. की ताक़त पिछले चार दशकों के दौरान बहुत तेज़ी से बढ़ी और यह राजनीति व समाज के हाशियों से छलाँग लगाकर सत्ता के गलियारों तक पहुँच गया , लेकिन इसकी शुरुआत आज से सौ साल पहले ही हो गयी थी। भारत में फ़ासीवाद का इतिहास...