महान जर्मन कवि और चिन्तक जोहान वोल्फगांग गोएठे की कुछ सूक्तियाँ
महान जर्मन कवि और चिन्तक जोहान वोल्फगांग गोएठे की कुछ सूक्तियाँ
- यह जानने के लिए कि आसमान हर जगह नीला है, सारी दुनिया का सफर करना ज़रूरी नहीं है।
- साहित्य का उसी हद तक पतन होता है, जिस हद तक इन्सान पतित होते हैं।
- गलत की सुविधा यह है कि उसपर हमेशा लम्बी बात की जा सकती है, सही को काम में लाना पड़ता है, नहीं तो वह खत्म हो जाता है।
- उनसे अधिक बदतर ग़ुलाम और कोई नहीं होता, जिन्हें यह झूठा विश्वास होता है कि वे आज़ाद हैं।
- छोटे सपने मत देखो क्योंकि उनमें लोगों के दिलों को झकझोरने की ताक़त नहीं होती।
- अगर दो लोग एक दूसरे से संतुष्ट हैं, तो लगभग निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि उन्हें भ्रम है।
- जानना काफ़ी नहीं, अमल में लाना होगा। इच्छा करना काफी नहीं, कर्म करना होगा।
- सारे कानून बूढ़ों के बनाये होते हैं। युवा और महिलाएँ अपवाद चाहते हैं, वयोवृद्ध लोग नियम।
- हर रोज़ हमें कम से कम एक छोटा गीत सुनना चाहिए,एक अच्छी कविता पढ़नी चाहिए, एक उत्कृष्ट चित्र देखना चाहिए, और यदि मुमकिन हो तो, थोड़े से समझदारी भरे शब्द बोलने चाहिए।
- सोचना आसान है; करना मुश्किल है, और अपने विचारों को कार्यों में परिणत कर देना तो दुनिया में सबसे मुश्किल काम है।
- मै उन्हें चाहता हूँ जो असंभव के लिये उत्सुक रहते हैं।
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