महान जर्मन कवि और चिन्तक जोहान वोल्फगांग गोएठे की कुछ सूक्तियाँ
महान जर्मन कवि और चिन् तक जोहान वोल् फगांग गोएठे की कुछ सूक्तियाँ यह जानने के लिए कि आसमान हर जगह नीला है , सारी दुनिया का सफर करना ज़रूरी नहीं है। साहित् य का उसी हद तक पतन होता है , जिस हद तक इन् सान पतित होते हैं। गलत की सुविधा यह है कि उसपर हमेशा लम् बी बात की जा सकती है , सही को काम में लाना पड़ता है , नहीं तो वह खत् म हो जाता है। उनसे अधिक बदतर ग़ुलाम और कोई नहीं होता , जिन् हें यह झूठा विश् वास होता है कि वे आज़ाद हैं। छोटे सपने मत देखो क् योंकि उनमें लोगों के दिलों को झकझोरने की ताक़त नहीं होती। अगर दो लोग एक दूसरे से संतुष् ट हैं , तो लगभग निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि उन् हें भ्रम है। जानना काफ़ी नहीं , अमल में लाना होगा। इच् छा करना काफी नहीं , कर्म करना होगा। सारे कानून बूढ़ों के बनाये होते हैं। युवा और महिलाएँ अपवाद चाहते हैं , वयोवृद्ध लोग नियम। हर रोज़ हमें कम से कम एक छोटा गीत सुनना चाहिए , एक अच् छी कविता पढ़नी चाहिए , एक उत् कृष् ट चित्र देखना चाहिए , और यदि मुमकिन हो तो , थोड़े से समझदारी भरे शब् द बोलने चाहिए...