आक्सीज़न की कमी से तड़प कर लोग मरते रहे, नेताजी और महान होते रहे
आक्सीज़न की कमी से तड़प कर लोग मरते रहे, नेताजी और महान होते रहे रवीश कुमार यह सब आप याद रख कर करेंगे भी क्या। कितना याद रखेंगे और किस-किस का। चारों तरफ से ख़बरें आने लगी कि आक्सीज़न सिलेंडर नहीं मिल रहे हैं। न घर में इलाज के लिए मरीज़ों को और न अस्पताल वालों को। उसके बाद ख़बरें आने लगीं कि अस्पतालों में आक्सीज़न वाले बेड नहीं मिल रहे हैं। अस्पतालों के बाहर लोग तड़प कर मर जा रहे हैं। फिर ख़बरें आने लगी कि फलां अस्पताल के पास एक घंटे का आक्सीज़न बचा है। मरीज़ों की जान ख़तरे में हैं। फिर ख़बर आई कि आक्सीज़न की कमी से दिल्ली में बीस लोग मर गए। 23 अप्रैल को सबसे पहले ख़बर तो गंगाराम अस्पताल से आई कि 24 घंटे के भीतर 25 लोगों की मौत हो गई है। इस सूचना के साथ अस्पताल ने यह भी जानकारी दी थी कि दो घंटे के लिए आक्सीज़न बचा है। इतने बड़े अस्पताल में दो घंटे के लिए आक्सीज़न बचा हो इसे सुन कर किसी के भी होश उड़ जाएं। लेकिन ख़बरों की दुनिया तेज़ी से घूमती है और ख़बर बदल जाती है। अस्पताल कहता है कि 25 लोग आक्सीज़न की कमी से नहीं मरे। वेटिंलेटर सही से काम नहीं कर रहे थे। मैनुअल वेंटिलेटर पर मरीज़ों को...